बीज का नाम: –लौकी- धारीदार
फसल का प्रकार: गर्मी एवं वर्षा ऋतु की प्रमुख सब्जी फसल
प्रमुख विशेषताएँ - धारीदार लौकीएक देसी किस्म हैजो अपने आकर्षक हल्केहरे रंग और उसपर बनी सफेद धारियोंके कारण बाज़ार मेंबहुत लोकप्रिय होती है। इसकाफल लंबा, बेलनाकार, मध्यम मोटाई वाला और स्वादमें बहुत ही नरमव रेशारहित होता है।
बीज का नाम: –लौकी- धारीदार
फसल का प्रकार: गर्मी एवं वर्षा ऋतु की प्रमुख सब्जी फसल
प्रमुख विशेषताएँ - धारीदार लौकीएक देसी किस्म हैजो अपने आकर्षक हल्केहरे रंग और उसपर बनी सफेद धारियोंके कारण बाज़ार मेंबहुत लोकप्रिय होती है। इसकाफल लंबा, बेलनाकार, मध्यम मोटाई वाला और स्वादमें बहुत ही नरमव रेशारहित होता है।
जलवायु आवश्यकताएँ: यहकिस्म गर्म और शुष्कजलवायु में उत्तम परिणामदेती है और विशेषरूप से गर्मी ववर्षा ऋतु के लिएउपयुक्त मानी जाती है।इसकी बुवाई फरवरी से जून तथाकुछ क्षेत्रों में अक्टूबर–नवंबरमें भी की जासकती है।
मृदा (Soil): इसकीखेती के लिए बलुईदोमट या भुरभुरी, जैविकपदार्थों से भरपूर मिट्टीउपयुक्त मानी जाती है, जिसमें जल निकासी कीअच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।
बीज दर: 1 से 1.5 किलोग्रामबीज प्रति एकड़ पर्याप्त होता है।
बीज बुवाई का अंतराल :
बीजोंको पंक्ति से पंक्ति 1.5 से 2 मीटर तथा पौधे सेपौधे 45-60 सेमी की दूरीपर बोया जाता है।बुवाई से पहले बीजोंको 8–10 घंटे तक पानीमें भिगोने से बेहतर अंकुरणहोता है।
बुवाई विधि: बुवाई के बाद हल्की सिंचाईकरें, और बाद में 4–5 दिन के अंतराल परनियमित सिंचाई करते रहें, विशेषकरफूल और फल बननेकी अवस्था में।
उर्वरक खेत की तैयारीकरते समय 8–10 टन सड़ी हुईगोबर की खाद औरसाथ में उचित मात्रामें डीएपी, यूरिया तथा पोटाश काप्रयोग करना चाहिए। फसलकी वृद्धि और फूल–फलकी अवस्था में सूक्ष्म पोषकतत्वों और घुलनशील एनपीके (जैसे 19:19:19) का छिड़काव करनेसे उपज व गुणवत्ताबेहतर होती है। बेलोंको मचान या तारप्रणाली पर चढ़ाना फायदेमंदहोता है, जिससे फलसीधे, साफ और रोगमुक्तरहते हैं।
सिंचाई: सिंचाई हर 4–5 दिन पर करें, विशेषकर गर्मी में नमी बनाएरखना जरूरी होता है।
औसत उत्पादन: 100–120 क्विंटल प्रति एकड़
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